हिन्दी रोला छंद
रिश्तों की पावन डोर (रोला छंद ) ..............
करो नही अभिमान , यहा सब मिटटी भाई ।
जर जमीन के नाम , करो ना कभी लड़ाई ।
आपस में मतभेद , सदा घातक है हुआ ।
जीवन के दिन चार , नही है कोई जुआ ।।
रिश्ते है अनमोल , कद्र जी इनकी करलो ।
ना समझो कमजोर , बात हृदय में धरलो ।
मानो सबको एक , तभी तो मान मिलेगा ।
सुखमय हो परिवार , चेहरा सदा खिलेगा ।।
||मयारू मोहन कुमार निषाद||
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